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चंबल नदी से घड़ियालों का होगा पंजाब की व्यास नदी में वसेरा,सर्वे हुआ शुरू

चंबल नदी से घड़ियालों का होगा पंजाब की व्यास नदी में वसेरा,सर्वे हुआ शुरू

भिण्ड, चंबल नदी से अब घड़ियाल को अब पंजाब की व्यास नदी में बसेरा बनाया जाएगा इसके लिए (डब्ल्यूआईआई)की टीम नदी में सर्वे कर रही है,नदी में घड़ियाल की संख्या अधिक हो चुकी है जिसकी वजह से यहाँ से हटाकर घड़ियालो को पंजाब की व्यास नदी में ले जाकर वसेरा बनाया जएगा,

डीएफओ स्वरूप दीक्षित ने बताया कि भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून (डब्ल्यूआईआईट) के शोधकर्ताओं कर्मचारी चंबल नदी में घड़ियाल की वहन क्षमताओं का सर्वे कर रहे है,इसमें घड़ियाल की वहन क्षमता कैरिंग (कैपिसिटी) वर्तमान में 2400 के करीब चल रही है जिसकी वजह से नदी में घड़ियाल को कम किया जाएगा और पंजाब भेजा जाएगा

दुनिया सबसे अधिक चंबल में:
घड़ियाल की बात करे तो दुनिया में सबसे ज्यादा घड़ियाल चंबल नदी में है। वर्तमान में 2176 घड़ियाल चंबल नदी में हैं। दुनिया में घड़ियालों की मौजूदगी भारत के अलावा नेपाल व बांग्लादेश की नदियों में अधिक है। जानकर हैरानी होगी, कि भारत व नेपाल की 5 मुख्य नदियां गंडक नदी बिहार (260 घड़ियाल), गिरवा नदी उप्र (251 घड़ियाल), नेपाल की नारायण (90 घड़ियाल), राप्ती नदी नेपाल (82 घड़ियाल) और उत्तराखण्ड की रामगंगा नदी में (64 घड़ियाल) सर्वे में पाए गए हैं। यानी घड़ियालों की संख्या वाली इन 5 नदियों में कुल 747 घड़ियाल हैं। इन पांचों की तुलना में चंबल नदी के घड़ियालों की संख्या लगभग तीन गुना है।

बड़े काम के है ये घड़ियाल:
भिण्ड जिले की चंबल नदी में वर्तमान में 2100 से ऊपर करीब घड़ियाल है ऐसे में घड़ियाल अधिक होने की वजह से यहां से घड़ियाल पंजाब जा सकते है कहा जाता है घड़ियाल पानी होने से घड़ियाल पानी को स्वच्छ रखते है इसलिए घड़ियाल को चंबल के पानी स्वच्छ रखने के लिए घड़ियाल को शिफ्ट किये जाते है।
सावधान हिन्दुस्तान

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