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कुर्सी की ऐसी लड़ाई एक गांव में बन गए दो सरपंच, गांव का विकास भी हैरान कर देगा:

कुर्सी की ऐसी लड़ाई एक गांव में कैसे बने गए दो सरपंच, गांव का विकास भी हैरान कर देगा:

कुर्सी की ऐसी लड़ाई एक गांव में कैसे बने गए दो सरपंच, गांव का विकास भी हैरान कर देगा:

अरविंद शर्मा

भिण्ड आपने ज्यादातर पंचायतो में एक सरपंच तो सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी सुना है इस गांव में दो प्रधान (सरपंच) बनाए गए है वो भी जनता के द्वारा नही तो बने रहिए खबर में,हम बताने वाले है गांव की पंचायत कैसे बन गए दो सरपंच

गांव का मुखिया को

जी हाँ गांव में आपने खूब सुने होंगे गांव के एक ही सरपंच होते है लेकिन एक ऐसी खबर लेकर आये है जहाँ एक गांव के दो सरपँच माने जाते है,और ये कोई और नही बल्कि गांव के लोग ही मान रहे है,सावधान हिंदुस्तान से बात चीत करते हुए गांव के राम लसखन दुबे ने बताया कि  हमारे गांव में जीतो एक है और कुर्सी की लड़ाई ने दो बना दिये है,दरसलभिण्ड के रानी बिरगमा पंचायत में एक नही 5 साल में दो सरपंच जनता ने चुन लिए अब ये दोनों सरपंच गांव की सरकार चलाने की जिद्द में खड़े है,आपको बता दु साल 2022 में मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव का एलान सरकार ने जैसे ही किया फिर चुनाव के लिए सभी प्रत्याशी अपने अपने वादे लेकर जनता के सामने के गए और जनता ने अपना निर्णय देते हुए सपना राठौर को चुन लिया चुनाव जीतकर प्रमाण पत्र भी मिल गया, करीबन एक साल के 2023 में मामला कोर्ट में विरोधी पक्ष के लोग पहुँच गए जहां कोर्ट ने पुनःमतगणना कराने में एलान कर दिया इसके बाद दूसरी बार गणना में रचना को जीत मिली फिर दूसरे सरपँच बनने के बाद गांव के लोग रचना को सरपंच मानने लगे इसके ठीक बाद सपना ने हाइकोर्ट से स्टे ले आई, अब दोनों की ओर से कुर्सी की लड़ाई जारी है, और गांव में विकास कार्य प्रभावित हो रहे है।

गांव के लोग मानते है दोनों को सरपंच:
गांव के लोगो की माने तो अब दोनों सरपंच के समर्थक आने जाने नेता को सरपँच मान रहे है लेकिन जबतक कोर्ट का फैसला नही आ जाता है तबतक सारे विकास कार्य बंद पड़े है।

सावधान हिन्दुस्तान

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