लोकसभा से पहले एमपी में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व विधायक समेत भाजपा में हुए शामिल
लोकसभा से पहले एमपी में कांग्रेस को बड़ा झटका,पूर्व विधायक समेत भाजपा में हुए शामिल
मध्यप्रदेश के राजनीतिक में चहल पहल का दौर तब शुरू हो जाती है जब कोई दिग्गज पार्टी छोड़ने की खबरे आने लगती है

,ऐसे में लोगो के द्वारा नेताओ को कोसते हुए ये भी कहने में पीछे नही हटते की शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल से एक भागमभाग योजना शुरू कर गए हुई जिसमें कमलनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद सीधे 22 विधायक पार्टी छोड़कर भाग गए, इसके बदले कमलनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी गवानी पड़ी, लेकिन जैसी 2024 में फिर से सरकार बनी तो खबरे ने आने इस भागमभाग योजना में स्वयं कमलनाथ भागने की तैयारी करने लगे लेकिन उनको इस योजना का लाभ नही मिल पाया लेकिन अब खबर आ रही है,इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश के एक बड़े कांग्रेस पार्टी से छोड़कर बीजेपी में भाग गए लेकिन इस बार कमलनाथ की तरह अकेले जाने कोशिश नही हुईं बल्कि तीन पूर्व विधायको और ले गए,ये चर्चा राजनीतक बाजार में बनी हुई है,आपको बता दे पूर्व सांसद केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी,के साथ राजूखेड़ी इसके अलावा कांग्रेस नेता संजय शुक्ला, विशाल पटेल, अर्जुन पलिया और भोपाल कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा समेत अन्य नेता भी भाजपा में शामिल हो गए, हालांकि कुछ अन्य लोग भी शामिल है,अब जरा सोचिए जिन्हें हम लोग जनसेवक कहते सच्चाई ये है कि जिसे हम समाजसेवा तो नही समझ आती अब इसे क्या कहते है भाई आप ही इसे बता सकते है कमेट्स मे जरूर बताना,
कांग्रेस से नाराज हुए थे:
सूत्रों की माने तो सुरेश पचौरी खुद भी लोकसभा टिकट के दावेदार थे मगर पार्टी किसी और को भोपाल से चुनाव मैदान में उतरना चाहती थी. यह भी उनकी पार्टी से नाराजगी की बड़ी वजह मानी जा रही है. इसके अलावा राज्यसभा में भी सुरेश पचौरी को टिकट मिलने की उम्मीद थी. पूर्व में भी सुरेश पचौरी राज्यसभा सांसद रह चुके हैं.
कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी ने 1972 में एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1984 में राज्य युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने। वह 1984 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 1990, 1996 और 2002 में फिर से चुने गए। एक केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रक्षा, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन, और संसदीय मामले और पार्टी के जमीनी स्तर के संगठन कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी रहे। पचौरी ने अपने राजनीतिक करियर में केवल दो बार चुनाव लड़ा। साल 1999 में, उन्होंने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उमा भारती को चुनौती दी और 1.6 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए। इसके अलावा उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में भोजपुर से शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री और दिवंगत सीएम सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए



