धर्म

धन्धे में छाई मंदी बना लो इस देव को पार्टनर, फिर होगी बारिश

धन्धे में छाई मंदी बना लो इस देव को पार्टनर, फिर होगी बारिश

धन्धे में छाई मंदी बना लो इस देव को पार्टनर, फिर होगी बारिश

देश का सवारियां सेठ मंदिर पर देश विदेश से करोड़ो भक्त लोगो पहुँचते है,यह मंदिर करीबन 500 साल पुराना है,कहा जाता है एक ओर लोग इन्हें बिजनेस पार्टनर भी कहते है,मान्यता है जो भक्त अपने कमाई की राशि से इन्हें अपने बिजनेस में पार्टनर बनाता है उन्हें इससे दुगने देते है इसलिए इन्हें सेठ सवारियां कहा जाता है,सांवरिया सेठ यही नही विदेशों में भी लोग इन्हें अपने बिजनेस पार्टनर बनाए हुए है।

दरसल हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री सांवलिया सेठ का रिश्ता राजस्थान की मीरा बाई से है। माना जाता है कि श्री सांवलिया सेठ माँ मीरा बाई के वही गिरधर गोपाल हैं, जिनकी वह प्रतिदिन पूजा करती थीं। उस समय मीरा बाई इन मूर्तियों के साथ साधु-महात्माओं की टोली में घूमा करती थीं। दयाराम नामक संतों का एक ऐसा समूह था जिसके पास ये मूर्तियाँ थीं। ऐसा कहा जाता है कि जिस दौरान औरंगजेब की आर्मी देश के विभिन्न मंदिरों को तोड़ रही थी तो सेना को मेवाड़ पहुंचकर इन मूर्तियों के बारे में पता चल गया था।

ऐसे जाए मंदिर पर:
सेठ का यह मंदिर चित्तौडग़ढ़ रेलवे स्टेशन से 41 किमी एवं डबोक एयरपोर्ट-उदयपुर से 65 किमी की दुरी पर स्थित है। सांवलिया जी का संबंध मीरा बाई से बताया जाता है। मान्यता के अनुसार मंदिर में स्थित सांवलिया जी मीरा बाई के वही गिरधर गोपाल है जिनकी वह पूजा किया करती थी

करोड़ो भक्त लोग जाते है:
सवारियां सेठ मंदिर पर हर साल करोड़ो लोगो का आना जाना बना रहता है मान्यता जो भक्त इन्हें सच्चे मन से जाता है और मानता फिर इन्हें अपने बिजनेसमैन पार्टनर बनाता है भगवान उनकी कभी घाटा नही पड़ने देते है

सावधान हिन्दुस्तान

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